अमेरिका और चीन के संबंधों में सुधार लाने के लिए शी, बाइडन ने की ऑनलाइन बैठक
अमेरिका और चीन के संबंधों में सुधार लाने के लिए शी, बाइडन ने की ऑनलाइन बैठक
बीजिंग/वाशिंगटन, 16 नवंबर। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडन ने मानवाधिकार, व्यापार, ताइवान और हिंद-प्रशांत जैसे मुद्दों पर परस्पर बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए मंगलवार को ऑनलाइन बैठक की।
बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली शिखर वार्ता है। इससे पहले दोनों ने दो बार फोन पर बातचीत की है। वार्ता दो दौर में हुई और तीन घंटे से अधिक चली।
चीन के आधिकारिक दैनिक समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि शी और बाइडन ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ साझा सरोकार से जूड़े रणनीतिक, समग्र और मौलिक मुद्दों पर व्यापक तथा गहन चर्चा की।
आधिकारिक समाचार समिति ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, शी ने उम्मीद जतायी कि चीन के प्रति अमेरिकी नीति को ‘‘तर्कसंगत और व्यावहारिक’’ पटरी पर वापस लाने के लिए बाइडन ‘‘राजनीतिक नेतृत्व’’ का प्रदर्शन करेंगे।
इससे पहले, बाइडन ने वाशिंगटन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि यह उनकी और शी की जिम्मेदारी बनती है कि प्रतिस्पर्धा टकराव में न बदले।
वहीं, शी ने कहा कि वह अपने ‘‘पुराने दोस्त’’ को देखकर खुश हैं। शी की टिप्पणी से कुछ घंटे पहले हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की एक खबर के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पत्रकारों से से कहा था कि बाइडन अपने चीनी समकक्ष को इस तरह से नहीं देखते हैं।
बाइडन ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच ‘‘सरल एवं सीधी प्रतिस्पर्धा’’ चाहते हैं। दोनों देशों को कुछ उचित उपाय करने की आवश्यकता है। उन्होंने दोनों देशों के ‘‘जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर’’ सहयोग की बात पर जोर दिया और कहा कि ‘‘ दुनिया के साथ-साथ अपने लोगों के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह बैठक के लिए उनके एजेंडे में मानवाधिकार, अर्थव्यवस्था और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के मुद्दे हैं। बाइडन ने कहा दोनों नेताओं ने ‘‘हमेशा एक दूसरे के साथ बहुत ईमानदारी और स्पष्ट रूप से संवाद किया’’ है और ‘‘हम कभी भी यह सोचकर कोई कदम नहीं उठाते कि दूसरा शख्स क्या सोच रहा है।’’
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वहीं, शी ने कहा कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, शांति के साथ सह-अस्तित्व कायम करना चाहिए और दोनों पक्षों के फायदे के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
शी ने शिखर वार्ता में एक मजबूत एवं स्थिर चीन-अमेरिका संबंध विकसित करने का आह्वान किया और द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए आम सहमति कायम करने और सक्रिय कदम उठाने के लिए बाइडन के साथ काम करने की इच्छा भी व्यक्त की।
यह बहुप्रतीक्षित शिखर वार्ता मंगलवार सुबह शुरू हुई। फरवरी के बाद से शी और बाइडन के बीच यह तीसरी वार्ता है। इससे पहले, दोनों नेताओं ने सितंबर में फोन पर लंबी बातचीत की थी।
अमेरिका और चीन के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में दोनों नेताओं ने यह बैठक की। बाइडन उत्तर पश्चिमी चीन में उइगुर समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों के हनन, हांगकांग में लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों को कुचलने, स्व-शासित ताइवान के खिलाफ सैन्य आक्रामकता सहित कई मुद्दों पर बीजिंग की आलोचना करते रहे हैं। वहीं, शी के अधिकारियों ने बाइडन प्रशासन पर निशाना साधते हुए, उस पर चीन के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए हैं।
आधिकारिक मीडिया की खबर के अनुसार, शी ने बैठक की शुरुआत में कहा कि दोनों देश कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और दोनों को संवाद एवं सहयोग बढ़ाना चाहिए।
शी ने कहा कि चीन और अमेरिका को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, शांति के साथ सह-अस्तित्व कायम करना चाहिए और दोनों पक्षों के फायदे के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही, उन्होंने सर्वसम्मति बनाने के लिए बाइडन के साथ काम करने और चीन-अमेरिका संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की इच्छा व्यक्त की।
अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के एक त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ के अलावा ताइवान, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत से लेकर क्वाड गठबंधन (जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं) सहित कई मुद्दों पर वार्ता में चर्चा होने की उम्मीद है।
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