स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर 24 घंटे चलती रहती थी ‘भ्रष्टाचार की साइकिल’ : मोदी

स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर 24 घंटे चलती रहती थी ‘भ्रष्टाचार की साइकिल’ : मोदी

सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश), 25 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करने के बाद उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों पर पूर्वांचल को बीमारियों से जूझने के लिये छोड़ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर ‘भ्रष्टाचार की साइकिल’ 24 घंटे चलती रहती थी।

मोदी ने यहां पर माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय समेत प्रदेश में नौ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि जिस पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने दिमागी बुखार समेत तमाम बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था, वही अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा।

मोदी ने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर कटाक्ष करते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा, ”दूसरी तरफ गरीबों के करोड़ों रुपए लूटने वाली भ्रष्टाचार की साइकिल 24 घंटे अलग से चलती रहती थी। दवाई में भ्रष्टाचार, एंबुलेंस में भ्रष्टाचार, नियुक्ति में भ्रष्टाचार, ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार। इस पूरे खेल में यूपी में कुछ परिवार वादियों का तो खूब भला हुआ। भ्रष्टाचार की साइकिल तो खूब चली लेकिन उसमें पूर्वांचल और यूपी का सामान्य परिवार पिसता चला गया। सही ही कहा जाता है कि जाके पांव न फटी बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई।”

उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे देश में आजादी के पहले और उसके बाद भी मूलभूत चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को कभी प्राथमिकता नहीं दी गई। अच्छा इलाज चाहिए तो बड़े शहर जाना होगा। देश के गरीब, दलित, शोषित, वंचित, किसान, गांव के लोग छोटे-छोटे बच्चों को सीने से लगाए, बुजुर्ग और माताएं जब स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ देखते थे तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती थी। इसी निराशा को उन्होंने अपनी नियति मान लिया था।

मोदी ने कहा कि ”सात साल पहले दिल्ली में और चार साल पहले उत्तर प्रदेश में जो सरकार थी, उसके लोग पूर्वांचल में छोटे-छोटे अस्पतालों की घोषणा करके बैठ जाते थे। लोग उम्मीद लगाए रहते थे लेकिन सालों साल तक तो इमारत ही नहीं बनती थी। अगर वह बन जाती थी तो मशीनें नहीं होती थीं। यह दोनों होते थे तो डॉक्टर और स्टाफ नहीं होता था। जो पहले थे उनकी प्राथमिकता अपने लिए कमाना और अपने परिवार की तिजोरी भरना था, हमारी प्राथमिकता गरीब का पैसा बचाना है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”2014 में जब देश में भाजपा की सरकार बनी तो देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए एक महायज्ञ शुरू किया गया। इसके तहत अनेक योजनाएं शुरू की लेकिन मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि यहां जो पहले सरकार थी उसने हमारा साथ नहीं दिया। विकास के कार्यों में वह राजनीति को ले आई। केंद्र की योजनाओं को उत्तर प्रदेश में आगे नहीं बढ़ने दिया। क्यों उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहले कभी एक साथ नौ मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण नहीं हुआ। अब ऐसा क्यों हो रहा है…. इसका एक ही कारण है राजनीतिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्राथमिकता।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज का दिन पूर्वांचल के लिए, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। सिद्धार्थनगर में उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण हो रहा है। आज केंद्र और उत्तर प्रदेश में जो सरकार है वह अनेक कर्म योगियों की दशकों की तपस्या का फल है। सिद्धार्थनगर ने ही स्वर्गीय माधव प्रसाद त्रिपाठी जी के रूप में एक ऐसा समर्पित जनप्रतिनिधि देश को दिया, जिनका अथक परिश्रम आज राष्ट्र के काम आ रहा है।”

उन्होंने कहा, ”माधव बाबू ने राजनीति में कर्मयोग की स्थापना के लिए पूरा जीवन खपा दिया। उत्तर प्रदेश भाजपा के पहले अध्यक्ष के रूप में, केंद्र में मंत्री के रूप में उन्होंने विशेष रूप से पूर्वांचल के विकास की चिंता की। इसलिए सिद्धार्थनगर के नए मेडिकल कॉलेज का नाम माधव बाबू के नाम पर रखना उनके प्रति सेवा भाव के प्रति सच्ची कार्यांजलि है। यहां से पढ़ कर निकलने वाले युवा डॉक्टरों को यह जनसेवा की निरंतर प्रेरणा भी देगा।”

मोदी ने कहा कि इन नौ मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से करीब ढाई हजार नए बैड तैयार हुए हैं, 5000 से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए रोजगार के नए अवसर बने हैं। इसके साथ ही हर वर्ष सैकड़ों युवाओं के लिए मेडिकल की पढ़ाई का नया रास्ता भी खुला है।

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प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते वर्षों में ‘डबल इंजन’ की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ही ईमानदारी से प्रयास किया है। उत्तर प्रदेश में ही 90 लाख मरीजों को आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के करीब 1000 करोड़ रुपए इलाज में खर्च होने से बचे। आज हजारों जन औषधि केंद्रों से लोगों को बहुत सस्ती दवाई मिल रही हैं, कैंसर का इलाज, डायलिसिस और हृदय की सर्जरी तक बहुत सस्ती हुई है।

मोदी ने कहा कि अब अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का भूमि पूजन भी होता है और तय समय पर लोकार्पण भी। उत्तर प्रदेश में पहले जो सरकार थी उसने अपने कार्यकाल में राज्य में सिर्फ छह मेडिकल कॉलेज बनवाए थे। योगी के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले मेडिकल कॉलेज और मेडिकल शिक्षा की देखरेख के लिए जो संस्थाएं बनाई गईं वे पुराने तौर-तरीकों से ही चल रही थीं। वे नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण में बाधक भी बन रही थी। पिछले सात सालों में एक के बाद एक हर ऐसी पुरानी व्यवस्था को बदला जा रहा है जो मेडिकल शिक्षा की राह में रुकावट बन रही है। इसका परिणाम मेडिकल सीटों की संख्या में भी नजर आता है। वर्ष 2014 से पहले देश में मेडिकल की सीटें 90000 से भी कम थी। पिछले सात वर्षों में देश में मेडिकल की 60000 नई सीटें जोड़ी गई हैं। उत्तर प्रदेश में भी 2017 तक सरकारी मेडिकल कॉलेज में सिर्फ 1900 सीटें थी जबकि डबल इंजन की सरकार में पिछले चार साल में ही 1900 से ज्यादा नई सीटों की बढ़ोतरी की गई है।

मोदी ने कहा, ”आजादी के बाद 70 वर्षों में जितने डॉक्टर पढ़ लिख कर निकले उससे ज्यादा डॉक्टर अगले 10 से 12 वर्षों में हम तैयार करेंगे। युवाओं को देश भर में अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं की चिंता से मुक्ति दिलाने के लिए ‘वन नेशन, वन एग्जाम’ को लागू किया गया है। इससे खर्च की भी बचत हुई है और परेशानी भी कम हुई है। अब हिंदी सहित अनेक भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की बेहतरीन पढ़ाई का विकल्प दे दिया गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों देश ने कोरोना वायरस के 100 करोड़ टीके लगाने का बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। इसमें उत्तर प्रदेश का भी बहुत बड़ा योगदान है। कोरोना से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। प्रदेश के हर जिले में कोरोना से निपटने के लिए बच्चों की केयर यूनिट या तो बन चुकी है या तेजी से बन रही है।

मोदी ने इस मौके पर सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया। साथ ही वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी वर्चुअल माध्यम से लोकार्पित किया। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 2329 करोड़ रुपए की कुल लागत से किया गया है।

मोदी ने लोकार्पण कार्यक्रम में चित्र प्रदर्शनी तथा माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय के मॉडल को देखा। उन्होंने छायाचित्र प्रदर्शनी, बुद्ध का जीवन दृश्य एवं उत्खनित पुरास्थल कपिलवस्तु-एक झलक का अवलोकन भी किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। यह देश के किसी प्रधानमंत्री का सिद्धार्थनगर का पहला दौरा है।

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