सीमा शुल्क मामला : डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय से संपर्क करने के भारत के कदम से ईयू निराश..
सीमा शुल्क मामला : डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय से संपर्क करने के भारत के कदम से ईयू निराश..
नई दिल्ली, 19 दिसंबर । यूरोपीय संघ (ईयू) ने कुछ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर सीमा शुल्क से संबंधित मामले में डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय से संपर्क करने के भारत के कदम पर निराशा व्यक्त की है।
भारत ने यूरोपीय संघ की ओर से दायर एक मामले में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की व्यापार विवाद निपटान समिति के फैसले के खिलाफ आठ दिसंबर को अपील की थी।
यूरोपीय संघ ने कुछ सूचना एवं प्रौद्योगिकी उत्पादों पर भारत के आयात शुल्क लगाने के खिलाफ मामला दायर किया था।
समिति ने अप्रैल में फैसला सुनाया था कि कुछ सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) उत्पादों पर भारत द्वारा लगाया गया आयात शुल्क वैश्विक व्यापार मानदंडों का उल्लंघन है।
भारत ने फैसले के खिलाफ अपील करने के अलावा मध्यस्थता के जरिए विवाद सुलझाने के ईयू के अनुरोध को भी खारिज कर दिया है।
डब्ल्यूटीओ के मुख्यालय जिनेवा में 18 दिसंबर को विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) की बैठक में यह मुद्दा उठा।
इस बैठक में ईयू ने कहा कि समिति ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया। पाया है कि इन उत्पादों पर भारत का शुल्क उसकी डब्ल्यूटीओ प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है।
ईयू ने दावा किया कि 2014 के बाद से आईसीटी उत्पादों पर भारत के अत्यधिक आयात शुल्क से यूरोपीय संघ की कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वह भी ऐसे समय पर, जब भारत में 4जी और 5जी नेटवर्क की शुरुआत सहित इस क्षेत्र में व्यापक वृद्धि के अवसर थे।
जिनेवा स्थित अधिकारी के अनुसार, यूरोपीय संघ ने कहा, ”हालांकि वह अपील करने के भारत के अधिकार को मान्यता देता है, लेकिन उसे बेहद अफसोस है कि भारत ने यूरोपीय संघ की इस मामले को अपील मध्यस्थता के जरिए निपटाने की पेशकश पर गौर नहीं किया।”
बैठक में जापान ने भी समिति की रिपोर्ट के खिलाफ अपील करने के भारत के फैसले पर निराशा व्यक्त की।
भारत ने जापान द्वारा दायर ऐसे ही एक मामले के खिलाफ मई में एक अन्य अपील भी दाखिल की थी।
डब्ल्यूटीओ के नियमों के
अनुसार, डब्ल्यूटीओ के सदस्य जिनेवा स्थित बहुपक्षीय निकाय में मामला दायर कर सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि कोई विशेष व्यापार उपाय डब्ल्यूटीओ के मानदंडों के खिलाफ है।
दीदारे हिन्द की रीपोर्ट