यह सिर्फ किसानों की नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की भी जीत है: बघेल

यह सिर्फ किसानों की नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की भी जीत है: बघेल

रायपुर, 19 नवंबर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के फैसले को अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत करार दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की है।

बघेल ने ट्वीट किया, ”गांधीवादी आंदोलन ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई है। केंद्र सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने पर बाध्य करने के लिए देश के किसानों को बधाई। यह किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की भी जीत है।” अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़े मुद्दों पर एक समिति बनाने की भी घोषणा की।

लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट

तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को विधेयक लाना होगा: विशेषज्ञ

मोदी ने अपने संबोधन में कहा ‘हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।’

उन्होंने कहा कि कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।

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तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को विधेयक लाना होगा: विशेषज्ञ

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