भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए जाने पर वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश बर्खास्त

हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए जाने पर वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश बर्खास्त

मंडी, 30 नवंबर। हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक वरिष्ठ दीवानी न्यायधीश पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए जाने के बाद उन्हें उच्च न्यायालय की सिफारिशों पर राज्य न्यायिक सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

राज्य के गृह विभाग की एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। गौरव शर्मा को चार साल पहले जब स्थानीय निवासी अश्विनी सैनी से 40,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था, तब वह मंडी जिले के सुंदरनगर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) थे।

प्रधान सचिव (गृह) की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक उच्च न्यायालय की ओर से की गई जांच में शर्मा के खिलाफ सभी आरोप साबित हो गए हैं।

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अधिसूचना में कहा गया है कि अदालत ने 6 जुलाई, 2017 को निलंबित एसीजेएम के खिलाफ केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1965 के नियम 14 के तहत जांच करने का प्रस्ताव दिया था। अधिसूचना में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने मामले की जांच की थी।

अदालत ने जिला न्यायाधीश राकेश कैंथला को जांच अधिकारी नियुक्त किया, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में शर्मा को रिश्वत लेने का दोषी पाया। अधिसूचना में कहा गया है कि जांच के परिणामस्वरूप, सभी आरोप साबित हो गए हैं और अदालत ने सिफारिश की है कि शर्मा को सेवा से बर्खास्त किया जाए।

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