बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने 27 साल पहले महिला अधिवक्ता से की थी मारपीट, अब आया फैसला, लगा 40 हजार का जुर्माना

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने 27 साल पहले महिला अधिवक्ता से की थी मारपीट, अब आया फैसला, लगा 40 हजार का जुर्माना

नई दिल्ली। महिला अधिवक्ता से मारपीट से जुड़े 27 साल पुराने मामले में तीस हजारी अदालत ने दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला पर 40 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। पिछले माह दोषी ठहराये गए खोसला पर मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गजेंद्र सिंह नागर ने मारपीट के आरोप में 20 हजार रुपये व जान से मारने की धमकियां देने पर भी 20 हजार रुपये जुर्माना किया है। साथ ही कुल जुर्माना धनरराशि में से 20 हजार रुपये पीड़ित महिला अधिवक्ता को देने को कहा।

शिकायतकर्ता महिला अधिवक्ता सुजाता कोहली ने आरोप लगाया था कि 29 जुलाई 1994 को खोसला ने उन्हें एक प्रस्तावित परिवार कोर्ट में आयोजित सेमिनार में आने को कहा था, लेकिन वह व्यस्त थीं।

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उन्होंने दावा किया कि उन्हें बार एसोसिएशन की सभी सुविधाएं वापस लेने की धमकी दी गई थीं। कोहली ने आरोप लगाया था कि खोसला ने अगस्त 1994 में उनसे मारपीट की थी।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने बार एसोसिएशन का सदस्य और अदालत का अधिकार होने के बावजूद भी बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं की माैजूदगी में एक महिला से मारपीट की थी। खोसला की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पीड़िता ने जज बनने के बाद अपनी स्थिति का अनुचित लाभ उठाया। वहीं वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हुई कोहली ने कहा कि फैसले के बाद खोसला ने कोर्ट और जज के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। खोसला के वकील ने इस आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने न तो अदालत में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया और न ही उसे धमकाया और न ही गवाहों के साथ छेड़छाड़ की।

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