प्रशासन ने बाल विवाह के प्रयास को किया विफल

ओडिशा के गंजाम जिले में प्रशासन ने बाल विवाह के प्रयास को किया विफल

बेरहामपुर (ओडिशा), 01 दिसंबर। ओडिशा में गंजाम जिला प्रशासन ने 15 साल की एक लड़की की, उससे दोगुनी उम्र के व्यक्ति से शादी के प्रयास को नाकाम कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आठवीं कक्षा की छात्रा की शादी करीब 30 साल के युवक से सोमवार की रात पाटापुर में होने वाली थी। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए बाल विकास संरक्षण अधिकारी, पुलिसकर्मी और चाइल्डलाइन के कार्यकर्ता नाबालिग की शादी से पहले उसके घर पहुंच गए।

चाइल्डलाइन कार्यकर्ताओं ने नाबालिग का विवाह रुकवाया और उसे जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। सनखेमुंडी के तहसीलदार श्रीनिवास बेहरा ने बताया, ”हमने लड़की और लड़के दोनों के माता-पिता को समझाया। लड़की के माता-पिता 18 साल की उम्र होने तक उसकी शादी नहीं करने पर सहमत हो गए।”

जिला प्रशासन ने नवंबर में जिले में बाल विवाह के एक दर्जन और इस साल अब तक बाल विवाह के 199 प्रयासों को रोका है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले साल प्रशासन ने जिले में बाल विवाह के 228 प्रयासों को नाकाम किया था।

लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट

डाटा संरक्षण विधेयक संबंधी संयुक्त समिति का कार्यकाल छठी बार बढ़ा

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, गंजाम जिले में 20-24 वर्ष उम्र की 22.3 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनकी शादी 18 वर्ष की उम्र होने से पहले हो गई थी। वहीं, 2015-16 में ऐसी महिलाओं की संख्या 29.8 प्रतिशत थी।

विडंबना यह है कि हाल की घटना प्रशासन द्वारा जिले के 3,250 गांवों में से 2,042 गांवों को, 286 वार्ड में से 266 वार्ड को और 503 पंचायतों में से 221 पंचायतों को बाल-विवाह मुक्त घोषित करने के बावजूद सामने आई है।

बाल विवाह के बारे में सूचना देने वाले को प्रशासन द्वारा 10,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाता है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दूल्हा और दुल्हन दोनों के आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें बाल विवाह कराने वाले पुजारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी नीति है। गांवों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर महीने के तीसरे शनिवार को किशोरियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करते हैं।

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