प्रधानमंत्री मोदी इतने असुरक्षित हैं कि इंदिरा गांधी का नाम नहीं लेते: कांग्रेस
प्रधानमंत्री मोदी इतने असुरक्षित हैं कि इंदिरा गांधी का नाम नहीं लेते: कांग्रेस
नई दिल्ली, 16 दिसंबर। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 50वें ‘विजय दिवस’ पर इंदिरा गांधी के योगदान का उल्लेख नहीं किया क्योंकि वह इतने ‘असुरक्षित और कमजोर’ हैं कि पूर्व का नाम नहीं लेते।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इतिहास बदलने का प्रयास सफल नहीं होगा और सदा यही याद किया जाएगा कि 1971 में इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व में ही पाकिस्तान को मात दी गई थी और उसके दो टुकड़े किए गए थे।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन के बाहर विजय चौक पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘बांग्लादेश की आजादी को 50 साल हो गए। बांग्लादेश की आजादी के लिए कांग्रेस की सरकार और खासकर इंदिरा गांधी जी ने जो प्रयास किया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। इंदिरा गांधी जी ने बांग्लादेश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए पूरी ताकत के साथ काम किया।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आज चंद लोग इंदिरा गांधी जी को भुलाने और उनके कार्यों को याद नहीं करने का प्रयास कर रहे हैं। विजय दिवस मनाते हुए भाषण देते हैं, लेकिन उन्हें यह भी बोलना चाहिए कि कौन सी सरकार और किस नेता ने बांग्लादेश को आजाद करवाया। यह भी बताना चाहिए उस वक्त हमारी सरकार और सेना ने 95 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया था।’’
खड़गे के मुताबिक, उस वक्त के विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की तारीफ की थी और उन्हें ‘दुर्गा का अवतार’ बताया था। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भले ही इंदिरा गांधी को याद नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल के उपलक्ष्य में देश के अलग अलग हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया और अपने शहीदों और जवानों के पराक्रम को याद किया।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘आज हमारे प्रधानमंत्री इतना असुरक्षित और कमजोर हैं कि वह पूर्व प्रधानमंत्री का नाम नहीं लेते, कांग्रेस पार्टी की भूमिका और पूर्व की सरकार के काम को स्वीकार नहीं करते।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘उस युद्ध में हमने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। यह सब सेना के शौर्य और इंदिरा गांधी के साहसिक नेतृत्व के कारण संभव हुआ था…यही वजह थी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा जी को मां दुर्गा का अवतार बताया था।’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी सरकार और भाजपाई अपनी सस्ती और घटिया राजनीति से बाज़ नहीं आएंगे। बंगलादेश की आज़ादी के 50वें विजय-शौर्य दिवस पर प्रधानमंत्री और सरकार के लोगों द्वारा 1971 की लड़ाई की “आयरन लेडी” इंदिरा गांधी जी का नाम तक न लेना उनकी कुंठित और संकुचित मानसिकता का उदाहरण है।’’
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘इतिहास बदलने का प्रयास सफल नहीं होगा। इतिहास तो जो सच है, वही रहेगा। सदा यही याद किया जाएगा कि 1971 में इंदिरा गांधी के राजनीतिक नेतृत्व में ही पाकिस्तान को मात दी गई थी और उसके दो टुकड़े किए गए थे।’’
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहादत देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के पराक्रम और बलिदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘50वें विजय दिवस पर मैं मुक्तियोद्धाओं, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की वीरता और बलिदान को याद करता हूं। साथ मिलकर हमने दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और विजय हासिल की। ढाका में राष्ट्रपति जी की उपस्थिति प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष महत्व रखती है।’’
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