पीयूष जैन के यहां छापे की आड़ में निशाना क्या सपा एमएलसी पम्पी जैन हैं….?

पीयूष जैन के यहां छापे की आड़ में निशाना क्या सपा एमएलसी पम्पी जैन हैं….?

छापे में घर की दीवार से भी मिलें नोटों के बंडल: बरामद रुपए दो ट्रक में बैंक भेजे गए

एक अरब 77 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त: सांसद/बड़े कारोबारी पर “मुखबिरी” का शक

पीयूष जैन: अलमारी, दीवार.. रुपए ही रुपए.. 👆
लोहे के बक्सों में भरकर भेजें गए नोटों के बंडल 👆

लखनऊ/कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर जीएसटी की कार्रवाई/छापे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा जा रहा है कि पीयूष जैन के बहाने सरकार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सबसे करीबी समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन पर दबाव बनाना चाह रही है। पम्पी जैन को अखिलेश यादव का खचांजी और पीयूष जैन का करीबी माना जाता है। कुछ दिन पहले जिस तरह से एक बड़े कपड़ा व्यापारी समेत अखिलेश यादव के कई करीबियों पर जीएसटी का छापा डालकर दबाव बनाने की कोशिश की गई, उसी

कड़ी से पीयूष जैन के यहां हुई कार्रवाई को जोड़कर देखा जा रहा है। कानपुर और कन्नौज में जहां पीयूष जैन के घर हैं, वहीं पम्पी जैन के भी आवास हैं। ऐसे में पम्पी जैन भी चर्चा के घेरे में आ गए हैं। पीयूष जैन की तरह पम्पी जैन का भी बड़ा कारोबार है, ऐसे में पम्पी जैन भी चर्चा के घेरे में आ गए हैं।पम्पी का पुराना राजनीतिक इतिहास रहा है, वह कांग्रेस और बसपा के भी काफी खास रहे हैं। बाद में वह समाजवादी पार्टी से जुड़े और अखिलेश यादव के सबसे विश्वास पात्र लोगों में शामिल हो गए। यह भी कहा जा रहा है पम्पी जैन ही वह बड़े कारोबारी हैं, जिन्होने अपने संपर्कों के बल पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए गुजरात में इन्वेस्टर्स मीट कराई थी। उसके बाद से राजनीतिक गलियारे

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में उनकी धमक और भी बढ़ गई। जिस तरह से अडानी को भाजपा से जोड़कर देखा जाता है, उसी तरह से पम्पी को सपा से जोड़ा जाता है। कर चोरी की आशंका में महानिदेशालय जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने समाजवादी इत्र बनाने वाले जिस पीयूष जैन के यहां गुरुवार को छापा मारा था, शुक्रवार को उनके घर की दीवारों से भी नोट मिले। दीवार को नोट छिपाने के लिए अलग तरह से बनाया गया था। शुक्रवार रात तक कैश गिनने का सिलसिला जारी रहा। कैश गिनने के लिए दूसरे दिन 13 और मशीनें मंगानी पड़ीं। कहा जा रहा है कि पीयूष जैन के घर से 17 7 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की गई है। पीयूष जैन के यहां कार्रवाई के पीछे सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद

और एक बड़े कारोबारी का हाथ बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इन दोनों की पीयूष जैन और पम्पी जैन से पुरानी कारोबारी टशन है। यही वजह है कि ये लोग बीच-बीच में एक दूसरे पर भारी पड़ने की कोशिश करते हैं। डीजीजीआई की अहमदाबाद टीम और आयकर विभाग की मुंबई यूनिट द्वारा की गई छापेमारी में बरामद नोटों को लोहे के बक्सों में भरकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा करा दिया गया है। टीम ने ट्रासंपोर्टर के 4 ट्रक व 200 फर्जी बिल भी पकड़े हैं। पीयूष जैन के घर से कागज में लिपटी 177 करोड़ से ज्यादा की नगदी को दो ट्रकों में लोड कर बैंक भेजा गया। छापे की कार्रवाई से स्थानीय अधिकारियों को दूर रखा गया।(25 दिसंबर 2021)


खुसूसी सहाफी विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,

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