नए सेना प्रमुख की नियुक्ति टालने संबंधी इमरान खान का प्रस्ताव हताशा को दर्शाता है: सरकार.

नए सेना प्रमुख की नियुक्ति टालने संबंधी इमरान खान का प्रस्ताव हताशा को दर्शाता है: सरकार.

लाहौर,। पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को कहा कि नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को नए चुनाव होने तक टालने संबंधी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का प्रस्ताव उनकी हताशा को दर्शाता है क्योंकि उन्हें पता चल चुका है कि नवंबर में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृत्ति से पहले चुनाव होना असंभव है।

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि खान सत्ता में वापसी का रास्ता तलाशने के लिए ‘‘सैन्य प्रतिष्ठान के साथ बातचीत के दरवाजे’’ खोलने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने एक निजी टीवी चैनल से कहा, ‘‘खान एक तरफ सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला कर रहे हैं और दूसरी तरफ वह बातचीत के दरवाजे भी खोलना चाहते हैं।’’

सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक ट्वीट में कहा कि खान को केवल सत्ता में वापसी की चिंता है। उन्होंने कहा, ‘‘वह यह नहीं देख सकते कि पाकिस्तान (बाढ़ के कारण) डूब गया है और लोग त्रस्त हैं।’’

खान ने सोमवार को कहा था कि बाजवा को नयी सरकार चुने जाते तक सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए और उन्होंने जल्द चुनाव कराये जाने का भी आह्वान किया था।

नवंबर के अंत तक सेना प्रमुख बाजवा की सेवानिवृत्ति से पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नए सेना प्रमुख को चुनने की तैयारी में हैं।

इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-नवाज) के नेता शरीफ के नेतृत्व वाली नौ दलों वाली गठबंधन सरकार में दूसरी बड़ी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने ‘‘जनरल बाजवा को आगे कोई विस्तार नहीं देने’’ का संकेत दिया।

जनरल बाजवा नवंबर के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अगला आम चुनाव अगस्त 2023 में शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद निर्धारित है।

दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट

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