जन्माष्टमीः जन्मस्थान पर रजत कमल पुष्प में होगा अजन्मे का प्राकट्य..

जन्माष्टमीः जन्मस्थान पर रजत कमल पुष्प में होगा अजन्मे का प्राकट्य..


-लाडले लाल के 5250 वें जन्मोत्सव की तैयारियों में जुटा समूचा ब्रज श्रद्धालुओ के लिए की श्री कृष्ण जन्मस्थान प्रबंधन ने विशेष व्यवस्थाएं,..

मथुरा, लाडले लाल के जन्मोत्सव की तैयारियों में समूचा ब्रज जुटा है। मुख्य आयोजन मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होगा। भाद्रमास कृष्णपक्ष की अष्टमी को लाडले कान्हा का 5250 वां प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। सात सितम्बर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। कान्हा के प्राकट्योत्सव को धूमधाम, हर्षोल्लास से मानने की तैयारियां प्रारभ हो गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस बार रजत कमल पुष्प में श्री कृष्ण का प्राकट्योत्सव होगा। श्री ठाकुर जी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12.20 बजे से 12.40 बजे तक जन्म स्थान के अध्यक्ष मंहत नृत्यगोपाल दास के दिव्य सान्निध्य में संपन्न होगा। ’श्रीकृष्ण चबूतरा को गर्भ गृह के प्राचीन वास्तु अथवा मूलरूप में बिना कोई परिवर्तन किये हुए कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा। देश विदेश से पधारने वाले लाखों श्रद्धालु जो कंस के कारागार में जन्मे ठाकुरजी के उसी रूप के दर्शन के भागव से आ रहे है, उनकी भावनाएं अवश्य ही ऐसी अद्भुत छटा से पुष्ट होंगी, साथ ही पर्व के अनुकूल प्रकाश का संयोजन भी गर्भगृह की भव्यता एवं दिव्यता में वृद्वि करेगा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के 5250 वें जन्मोत्सव के अवसर पर जन्मस्थान की साज सज्जा, ठाकुरजी की पोशाक, श्रंगार नयनाभिराम होंगी। जन्म भूमि के अन्दर एवं परिसर के बाहर से श्रद्धालुगण जिस दिशा से भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करेंगे। वहीं से उनको जन्मभूमि की अदभुत छटा की अनुभूति हो ऐसा प्रयास चल रहा है। भगवान श्रीकृष्ण की प्राकट्य भूमि एवं कारागार के रूप में प्रसिद्ध गर्भ ग्रह एवं सम्पूर्ण श्रीकृष्ण चबूतरा की साज सज्जा अद्भुत होगी। इस वर्ष प्रयास रहेगा कि श्रीगर्भ गृह के भीतरी भाग को तो कारागार का स्वरूप प्रदान किया जायेगा साथ ही श्रीगर्भ गृह के बाहरी भाग

जन्माष्टमी पर प्रातः आठ बजे पुष्पार्चन होगा
गर्भगृह के बाहरी हिस्से में उत्कीर्ण भगवान के जन्म से पूर्व की लीलाएं भक्तों के आकर्षण का केन्द्र रहती है। इन स्थानों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था रहेगी। सात सितम्बर गुरूवार को प्रातः दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रातः 5.30 बजे से होंगे। प्रातः आठ बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक पुष्पार्चन होगा। प्रातः 10 बजे भव्य पुष्पांजलि कार्यक्रम श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के श्रीचरणों में भागवत भवन के दिव्य प्रांगण में आयोजित किया जायेगा। बृज के उत्कृष्ट गायक इस अवसर पर ठाकुरजी के संमुख दिव्य भजन गायन की प्रस्तुति देंगे।

1008 कमल पुष्पों से ठाुकरजी का सहस्त्रार्चन करते हुए करेंग आव्हान
जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11 बजे श्री गणेश नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। तदोपरांत 1008 कमल पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुए आव्हान किया जायेगा। रात्रि 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में बज उठेंगे ढोल झांझ मंजीरे मृदंग साथ हरिबोल के साथ नाच उठेंगे असंख्य भक्तजन संत एवं भगवान के जन्म की महाआरती शुरू होगी जो रात्रि 12.05 बजे तक चलेगी। ढोल एवं मृदंग अभिषेक स्थल पर तो बजेंगे ही साथ ही सम्पूर्ण मंदिर परिसर में स्थान स्थान पर भी इनका वादन होगा।

आठ सितम्बर को मनाया जाएगा नंदोत्सव
सचिव कपिल शर्मा के अनुसार इस आलौकिक आयोजन का समापन आठ सिंतम्बर को भव्य नंदोत्सव- बधाई गायन के साथ होगा। इस अवसर पर बृज की परंपराओं के अनुरूप उत्सव में सम्मलित होने वाले श्रद्धालुओं एवं भक्तों को वृहद मात्रा में प्रसाद, बधाई पोटली, खिलौने, मिष्ठान, फल, आदि सामिग्री बढी मात्रा में वितरित की जायेगी।

दीदार ए हिन्द की रिपोर्ट

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