गुरमीत राम रहीम की फरलो पर एसजीपीसी को आपत्ति
गुरमीत राम रहीम की फरलो पर एसजीपीसी को आपत्ति
अमृतसर, 07 फरवरी। हरियाणा सरकार द्वारा डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो देने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह फैसला पंजाब के साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काने के लिए भाजपा की एक चाल है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने सोमवार को हरियाणा सरकार के फैसले के बाद मीडिया को जारी बयान में कहा कि डेरा सिरसा प्रमुख बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर आरोपों में सजा काट रहा है, इसके साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब जी के अपमान करने के मामले में राम रहीम का हाथ
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होने के चलते मुकदमा चल रहा है। यह व्यक्ति सिखों की धार्मिक भावनाओं का हत्यारा है और दुख की बात है कि हरियाणा और केंद्र की भाजपा सरकार मिलकर राजनीतिक फायदे के लिए डेरा प्रमुख को फरलो देकर, पंजाब के लोगों की भावनाओं के साथ खेल रही है।
एडवोकेट धामी ने कहा कि भाजपा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ हासिल करने के मकसद से देश और खासकर पंजाब का माहौल खराब करने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रही। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां डेरा प्रमुख से बेअदबी के मामले में पूछताछ की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र के द्वारा राम रहीम को जेल से रिहा कर, उसे 21 दिनों तक खुला छोड़ा जा रहा है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शांतिपूर्ण पंजाब नहीं देखना चाहती, इसलिए राम रहीम को बाहर लाई है। उन्होंने कहा कि सिख भावनाएं इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगी।
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