गुजरात के खिजादिया और उत्तर प्रदेश के बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को रामसर स्थल घोषित किया गया

गुजरात के खिजादिया और उत्तर प्रदेश के बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को रामसर स्थल घोषित किया गया

नई दिल्ली, 02 फरवरी। गुजरात के खिजादिया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश स्थित बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को रामसर स्थल घोषित किया गया है और इसके साथ ही देश में संरक्षित आर्द्रभूमियों की कुल संख्या बढ़कर 49 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को यह जानकारी दी।

खिजादिया वन्यजीव अभयारण्य और बखिरा वन्यजीव अभयारण्य को रामसर संधि के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्ता की आर्द्रभूमियों के रूप में मान्यता दी गई है।

पर्यावरण मंत्री ने पिछले साल रामसर सूची में शामिल किए गए सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में विश्व आर्द्रभूमि दिवस के उपलक्ष्य पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की।

लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट

गंगटोक: प्रकृति और बौद्ध संस्कृति से दोस्ती का शहर

यादव ने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कि दो और आर्द्रभूमियों को रामसर स्थलों में शामिल किया गया है। भारत में इस समय 49 रामसर स्थल हैं। ये 10.93 हेक्टेयर के इलाके में फैले हैं, जो दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा इलाका है।’’

विश्व आर्द्रभूमि दिवस का विषय ‘लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि के संबंध में कार्रवाई’ था।

इस अवसर पर यादव, पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और हरियाणा के मुख्यमंत्री एम एल खट्टर ने अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद द्वारा तैयार किया गया राष्ट्रीय आर्द्रभूमि दशकीय परिवर्तन एटलस भी जारी किया, जो पिछले एक दशक में आर्द्रभूमि में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डालता है।

रामसर संधि आर्द्रभूमि के संरक्षण और कुशलता से उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम कैस्पियन सागर पर ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां दो फरवरी, 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।

लिंक पर क्लिक कर पढ़िए ”दीदार ए हिन्द” की रिपोर्ट

सक्सेस पाने के लिये आपको छोड़नी होगीं ये आदतें

Related Articles

Back to top button