एनजीटी ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों के बाढ़ क्षेत्र सीमांकन पर उप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी..

एनजीटी ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों के बाढ़ क्षेत्र सीमांकन पर उप्र सरकार से रिपोर्ट मांगी..

नई दिल्ली, 02 मार्च)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वाराणसी में गंगा की सहायक नदियों-वरुणा और अस्सी के बाढ़ क्षेत्र सीमांकन के लिए उठाए गए कदमों पर उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

हरित अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि जिले में नगर निकाय ने नदी के डूब-क्षेत्र का सीमांकन नहीं किया है जिससे वहां लगातार अतिक्रमण हो रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नदियों में अवैध तरीके से नालों का गंदा पानी गिराया जा रहा है।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने वाराणसी नगर निगम की एक रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि 15 नालों से वरुणा में आंशिक या गैरशोधित जल गिराया जा रहा है जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

अपने हाल के आदेश में पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया कि अस्सी घाट में दो करोड़ 80 लाख लीटर गैर शोधित अपशिष्ट जल प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है।

अधिकरण ने कहा, ”संयुक्त सचिव, शहरी विकास ने 15 फरवरी 2024 को कार्रवाई रिपोर्ट पेश की है जिसमें वरुणा और अस्सी नदियों में गैर शोधित जल गिराए जाने के बारे में इसी प्रकार की बात कही गई है।”

एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ”लापरवाही बरते वाले प्राधिकारियों” के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में एक नई रिपोर्ट पेश करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

दीदार ए हिन्द की रीपोर्ट

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