एक दशक बाद डेंगू मरीजों का आंकड़ा 500 के पार

एक दशक बाद डेंगू मरीजों का आंकड़ा 500 के पार

नोएडा, 06 नवंबर। स्वास्थ्य विभाग की तमाम कवायदों के बावजूद जिले में डेंगू और मलेरिया की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले साढ़े तीन माह से स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा दवा के छिड़काव और फॉगिंग पर लाखों रुपये खर्च कर चुका, लेकिन डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है। इस वर्ष डेंगू के मरीजों ने एक दशक का रिकॉर्ड तोड़कर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, दस वर्ष बाद जिले में पहली बार डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 500 से ऊपर पहुंचा है। डेंगू को लेकर हालात अभी भी नाजुक बने हुए हैं। यह स्थिति तब है, जबकि जिला मलेरिया विभाग नोएडा प्राधिकरण और अन्य विभागों के साथ मिलकर बीमारियों की

रोकथाम के लिए अभियान चला रहा है, मगर इस अभियान का धरातल पर असर नहीं दिखाई दे रहा है। जिले में डेंगू ने सितंबर में दस्तक दी थी। पहले 30 दिनों में जिले में डेंगू के 49 मामले सामने आए थे, लेकिन मरीजों की संख्या को मामूली मानते हुए स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना रहा और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जिले में कोई प्रयास नहीं किए गए। इसी का परिणाम है कि अक्टूबर में डेंगू ने भयावह रूप धारण कर लिया। अब प्रतिदिन जिले में 15 से 20 नए डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। अक्टूबर में जिले में 376 नए डेंगू के मरीज मिले हैं, लेकिन शनिवार को यह आंकड़ा 509 तक पहुंच गया। नवंबर के पहले सप्ताह में अभी तक 133 मरीज मिल चुके हैं, जिसके चलते ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की मांग पांच गुना तक बढ़ गई है। अब तक कई डेंगू संदिग्धों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन सरकारी तंत्र अब तक जिले में मात्र

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एक मरीज की मौत होने का दावा कर रहा है। सरकारी स्तर पर उपचार की अच्छी व्यवस्था न होने के चलते डेंगू लोगों को तगड़ी हानि पहुंचा रहा है। निजी अस्पतालों में बीमारी का इलाज कराने के लिए लोगों को 50 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। 24 घंटे में 18 रोगी मिले पहली बार जिले में डेंगू के उपचाराधीन मरीजों का आंकड़ा 68 पर पहुंचा है। खास बात यह है कि सक्रिय डेंगू मरीजों में 80 फीसदी निजी अस्पतालों में ही उपचार करा रहे हैं। जिला अस्पताल के वार्ड में मात्र तीन डेंगू के मरीज ही भर्ती है, वहीं चाइल्ड पीजीआई में चंद बच्चों का ही उपचार चल रहा है। सरकारी स्तर पर उपचार की बेहतर व्यवस्था न होने के चलते शेष मरीज निजी अस्पतालों पर निर्भर है, जहां उन्हें प्रतिदिन दवाइयों व बिस्तर के लिए अपनी गाढ़ी कमाई लुटानी पड़ रही है। पिछले 24 घंटे में जिले में 18 नए डेंगू के मरीज मिले हैं। मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण

डेंगू: तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों में दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

मलेरिया: चक्कर आना, सांस फूलना और बुखार

पिछले दस वर्षों में मिले डेंगू मरीज

वर्ष डेंगू मरीज

2012 14

2013 69

2014 00

2015 176

2016 17

2017 13

2018 28

2019 40

2020 28

2021 509

प्लेटलेट्स की कीमत

ब्लड बैंक रोटरी क्लब चाइल्ड पीजीआई

सप्ताहभर में प्लेटलेट्स की मांग 50-60 यूनिट 50-60 यूनिट

एक यूनिट प्लेटलेट्स की कीमत 11 हजार रुपये 8 हजार रुपये

50 एमएल प्लेटलेट्स की कीमत 5 हजार रुपये 440 रुपये

कोट

डेंगू का प्रकोप रोकने के लिए फॉगिंग और एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही लोगों को भी बीमारी से बचाव के लिए आसपास पानी न एकत्र होने और सफाई रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। राजेश शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी

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