उच्च न्यायालय ने पूर्व एसएसबी अधिकारी की जेल की सजा निलंबित की

उच्च न्यायालय ने पूर्व एसएसबी अधिकारी की जेल की सजा निलंबित की

ई दिल्ली, 26 दिसंबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवा में रहने के दौरान अनियमितता के दोषी पाए गए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के पूर्व उप महानिरीक्षक की बाकी की जेल की सजा निलंबित कर दी है। एसएसबी के पूर्व अधिकारी को 18 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी।

उच्च न्यायालय ने पूर्व डीआईजी उपेंद्र प्रकाश बालोदी की याचिका पर नोटिस जारी कर केंद्र तथा एसएसबी से जवाब मांगा। याचिका में 12 आरोपों मे उन्हें दोषी ठहराने और उसके बाद सजा देने के जनरल फोर्स कोर्ट के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। बालोदी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी थी।

उनके वकील ने बताया कि बालोदी ने 13 महीने ‘ओपन कस्टडी’ में बिताए और बाद में उन्हें तिहाड़ जेल लाया गया जहां वह एक सप्ताह रहे और उच्च न्यायालय द्वारा बाकी की सजा निलंबित करने के बाद रिहा हो गए।

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न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा, ‘‘इस बात को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता 18 महीने की सजा में से पहले ही 13 महीने जेल में काट चुका है तो यह अदालत याचिकाकर्ता के तिहाड़ जेल के अधीक्षक को 10,000 रुपये का मुचलका भरने के बाद अगले आदेश तक सजा निलंबित करने का निर्देश देती है।’’

उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनिल सोनी को याचिका के जवाब में एक हलफनामा दायर करने के लिए वक्त दिया और इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 मई की तारीख तय कर दी।

गौरतलब है कि 2019 में बालोदी के खिलाफ शराब और घोड़े के चारे की खरीद में कई अनियमितताओं का आरोप लगाया गया और कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए गए। उन्हें इन मामलों में रिश्वत लेने और वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया गया। एसएसबी की जनरल फोर्स कोर्ट ने उन्हें सेवा से बर्खास्त करने और 18 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनायी। बाद में ‘‘सेवा से बर्खास्त करने के आदेश’’ को बदलकर ‘‘अनिवार्य सेवानिवृत्ति’’ कर दिया गया।

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