अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के करीब रहा
कश्मीर के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के करीब रहा
श्रीनगर, 18 जनवरी। कश्मीर के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के आसपास दर्ज किया गया। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के मामूली प्रभाव के कारण घाटी के ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में बर्फबारी भी हुई।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक दिन पहले यहां तापमान एक डिग्री सेल्सियस था। उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग रिज़ॉर्ट में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा ।
अधिकारियों ने बताया कि काजीगुंड में न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे और उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में 0.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
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मौसम विभाग के अनुसार, कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में बुधवार तक बहुत हल्की बारिश व बर्फबारी और ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी का अनुमान है। इस महीने के अंत तक कहीं भी भारी बारिश या बर्फबारी का कोई पूर्वानुमान नहीं है।
कश्मीर में 40 दिनों के ‘चिल्लई कलां’ का दौर 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइन सहित जलाशय जम जाते हैं। इस दौरान अधिकतर इलाकों में बर्फबारी भी सबसे अधिक होती है, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात होता है।
‘चिल्लई कलां’ के 31 जनवरी को खत्म होने के बाद, 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ और फिर 10 दिनों का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर शुरू होता है।
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