अदालत ने पिछले साल 16 सितंबर के बाद से विधायकों, सांसदों के खिलाफ वापस लिए मामलों का ब्यौरा मांगा

अदालत ने पिछले साल 16 सितंबर के बाद से विधायकों, सांसदों के खिलाफ वापस लिए मामलों का ब्यौरा मांगा

कोच्चि (केरल), 13 दिसंबर। केरल उच्च न्यायालय ने पिछले साल 16 सितंबर के बाद से विधायकों और सांसदों के खिलाफ वापस लिए सभी मामलों की विस्तृत जानकारी और ऐसा करने के कारणों का ब्यौरा देने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है।

उच्चतम न्यायालय के सभी उच्च न्यायालयों को 16 सितंबर, 2020 के बाद से पूर्व तथा मौजूदा विधायकों तथा सांसदों से संबंधित मामले वापस लिए जाने की ”वैधता, औचित्य और वास्तविकता” की जांच करने का निर्देश देने के बाद, अदालत ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया है।

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उच्च न्यायालय ने कहा, ” प्रतिवादी (राज्य सरकार और पुलिस) को 16 सितंबर, 2020 के बाद वापस लिए गए आपराधिक मामलों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। प्रतिवादियों को एक समेकित विवरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जाता है, जिसमें सांसदों/विधायकों (मौजूदों/पूर्व) के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के कारणों का भी ब्यौरा दिया जाए।”

अदालत ने यह निर्देश देने के बाद मामले को आगे की सुनवाई के वास्ते पांच दिसंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने 10 अगस्त को कहा था कि पूर्व अनुमति के बिना दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमों को वापस नहीं लिए जा सकते।

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